एडिशनल एसपी रमा पटेल, उप पुलिस अधीक्षक अंजली गुप्ता एवं एसडीओपी मनीष कंवर के नेतृत्व में गठित विशेष टीम और साइबर सेल की रही महत्वपूर्ण भूमिका
सक्ती। पति की सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन की राशि से जीवनयापन करने वाली वृद्ध महिला की हत्या कर दी गई और मौका-ए-वारदात से नगदी समेत अन्य कीमती वस्तुओं की लूटपाट कर आरोपी फरार हो गए। बताया जाता है कि 10 वर्ष पूर्व राजनगर, मनेन्द्रगढ़ में एसईसीएल से अपने पति की सेवानिवृत्ति के बाद मृतका ग्राम धमनी में आकर बस गई थी, लेकिन उसके पास मौजूद नगदी रकम और जेवर हत्यारों को रास नहीं आया और लालच में आकर वृद्धा की गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया। एक पारिवारिक सदस्य द्वारा थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के बाद जिले की एसपी सुश्री अंकिता शर्मा ने स्वयं मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस के अन्य आला अधिकारियों के नेतृत्व में टीम गठित कर मामले को तत्काल सुलझा लिया। नतीजतन इस संगीन वारदात को अंजाम देने वाले चार आरोपी अब सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं, साथ ही लूटी गई रकम और वारदात को अंजाम देने के पीछे उनके मंसूबों का सनसनीखेज खुलासा कर आरोपियों ने अपना अपराध कबूल कर लिया है।
विगत 9 नवम्बर की सुबह लगभग 6 बजे ग्राम धमनी में मंगली बाई मित्तल, 70 वर्ष की लाश उसके घर में देखी गई, जिसकी सूचना हीरालाल मधुकर ने हसौद थाने में दर्ज कराई। थाना हसौद में मर्ग क्र. 33/2024 धारा 194 बी.एन.एस.एस. पंजीबद्ध कर घटना स्थल पर पहुंचकर एफ.एस.एल. फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ एवं डॉग स्क्वाड की टीम के साथ वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में बारीकी से घटना स्थल का निरीक्षण किया गया और मृतका के शव का पी.एम. कराया गया। शार्ट पी.एम. रिपोर्ट में पी.एम. कर्ता चिकित्साधिकारी द्वारा मृतका मंगली बाई की मौत दम घुटने से होना पाए जाने पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 147/2024, धारा 103 (1), 332(क), 309 (4), 61(2) (क), 317(5), 3 (5) बी.एन.एस. पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना शुरू की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले की एसपी सुश्री अंकिता शर्मा ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सक्ती सुश्री रमा पटेल, अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चन्द्रपुर (डभरा), श्रीमती अंजली गुप्ता और अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) चन्द्रपुर के नेतृत्व में 5 टीम गठित की और घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर तत्काल मामले को सुलझाने का निर्देश दिया गया। घटना स्थल के आसपास सीसीटीव्ही फुटेज का अवलोकन एवं घटना स्थल के आसपास के लोगों तथा मृतका के परिजनों से लगातार पूछताछ कर साक्ष्य एकत्रित करते हुये संदेहियों से कड़ाई से पूछताछ किए जाने पर आरोपियों का सुराग मिल गया और पुलिस की टीम ने आरोपी विकास मधुकर, समीर रात्रे, सुभाष खुंटे एवं प्रहलाद श्रीवास को दबोच लिया। इन आरोपियों ने वृद्धा मंगली बाई की गला घोंटकर हत्या किए जाने का अपराध स्वीकार कर अपने मंसूबों का सनसनीखेज खुलासा भी किया।
आरोपियों ने बताया कि मृतका मंगली बाई करीवन 3 वर्ष पूर्व पति हेमलाल के निधन के बाद से घर में अकेली रहती थी। प्रतिमाह पेंशन की रकम से वह गुजारा करती थी, साथ ही उसके पास ढेर सारे जेवर भी थे। मृतका मंगली बाई ग्राम धमनी निवासी आरोपी विकास मधुकर के रिश्ते में दादी लगती थी। विकास मधुकर का मंगली वाई के घर आना जाना था तथा उसे जानकारी थी कि मंगली बाई पैसा व जेवर घर में रखी है। करीबन 3 दिन पहले वह मंगली वाई के घर गया था तो देखा बैंक से काफी पैसा निकालकर घर मे लाकर रखी थी। लालच में आकर उसने पैसे व जेवर लूटने का प्लान बनाया। उसके बाद विकास मधुकर अपनी ओप्पो कंपनी के मोवाईल को बी.एम.एस. मोबाईल दुकान हसौद मे 4 हजार रू मे बेचकर समीर के खाते में पैसा डलवा लिया। दिनांक 08.11.2024 को शराब खरीदकर समीर रात्रे को साथ लेकर धमनी के पास से ठेला से डिस्पोजल गिलास, पानी पाउच व खाने का सामान लेकर वे धमनी बाजार मैदान गये, जहां विकास मधुकर, सुभाष खुंटे और समीर रात्रे ने छककर शराब पिया। इसी दौरान विकास मधुकर ने अपनी दादी मंगली बाई के पास काफी पैसा होने की बात दोनो को बताई और फिर तीनों ने मिलकर पैसा लूटने की योजना बना डाली।
आरोपियों ने पुलिस को आगे बताया कि रात करीबन 8 बजे योजना के अनुसार समीर रात्रे पहरेदारी के लिए रोड के पास मौजूद रहा। विकास मधुकर और सुभाष खुंटे दोनो ने पीछे के दरवाजे में जाकर मंगली वाई को आवाज देकर बुलाया और दरवाजा खुलवाकर भीतर चले गए। विकास मधुकर ने अपनी दादी से आचार मांगा और खाया फिर योजना के अनुसार विकास मधुकर ने मंगली बाई के नाक और को अपने हाथो से दबा दिया और सुभाष खुंटे ने पीछे से दोनो हाथों से मंगली बाई का गला घोंट दिया। इस दौरान विकास मधुकर ने मृतका का हाथ पीछे से पकड़ रखा था। कुछ देर के बाद मंगली बाई की मौत हो गई और फिर शुरू हुआ लूटपाट का खेल।
नशे में धुत्त विकास ने मंगली बाई के गले मे पहने सोने की माला को खींचा जो टूटकर वहीं विखर गया जिसे विकास मधुकर उठाकर अपने पास रखा फिर दोनो आलमारी को चाबी से खोलकर उसमे रखे पैसे, मतदाता पहचान पत्र, पास बुक, आधार कार्ड, गैस कनेक्शन कार्ड व राशन कार्ड को अपने पास रखकर समीर के साथ पीछे के रास्ते से फरार हो गए। विकास मधुकर समीर को 5 हजार रूपया व मंगली बाई का राशन कार्ड, सुभाष खुंटे को 7 हजार 06 सौ रूपया व मंगली बाई का एच पी का गैस कनेक्शन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र दिया और विकास मधुकर स्वयं 13 हजार 06 सौ रूपया तथा मंगली वाई का फोटो लगा एसबीआई का पास बुक एवं आधार कार्ड को अपने पास रख लिया। उसके बाद विकास मधुकर, समीर रात्रे को बोलकर केशर चन्द्रा के पास गिरवी रखे अपने स्कूटी को मंगवाया फिर तीनो स्कूटी में पिरदा मेला घूमने गये वहां 5 हजार रूपये को विकास मधुकर और उसके साथी मिलकर खर्च कर दिये। रात्रि करीबन 02.00 बजे वापस आकर स्कूटी को समीर के हांथ केशर चन्द्रा के पास वापस भेजवा दिया। अगले दिन सुबह करीबन 10.00 बजे अपने दोस्त प्रहलाद श्रीवास निवासी हसौद को मंगली बाई के गले से लूटा हुआ सोने का माला (फदक 13 नग, 06 नग गेंहू दाना, 01 नब स्टोन लगा सोने का छोटा लॉकेट, 01 नग टूटा हुआ सोने का लटकन) को देकर घटना के वारे बताये तथा बाद मे सोने के माला को बेंचकर पैसा को आपस में बांट लेंगे बोले थे।
प्रकरण के आरोपीगण से लूटी गयी रकम, मृतका के जेवर घर की अलमारी में रखे जेवर, मृतका का टूटा मोबाईल, स्कूटी बरामद किया जाकर आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में निरीक्षक विन्टन साहू थाना प्रभारी हसौद एवं समस्त स्टाफ, निरीक्षक प्रवीण राजपूत थाना प्रभारी डभरा, निरीक्षक अमित सिंह, प्रभारी सायबर सेल सक्ती, निरीक्षक कमल किशोर महतो थाना प्रभारी यायायात, उप निरीक्षक अनवर अली थाना प्रभारी बाराद्वार, उप निरीक्षक कमल मैरिषा चौकी प्रभारी फगुरम, सउनि. जन्मेजय वर्मा थाना हसौद, प्रधान आरक्षक प्रेमनारायण राठौर, आरक्षक गोपाल साहू सायबर सेल सक्ती, आरक्षक योगेश राठौर थाना बाराद्वार, आरक्षक मानसिंह कुर्रे थाना डभरा तथा आरक्षक जयदेव साहू चौकी फगुरम का योगदान रहा।