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चिल्हर की समस्या से जूझ रहा बाजार, एसबीआई शाखा प्रबंधक को जन समस्या से नहीं कोई सरोकार

सक्ती। चिल्हर की समस्या से जूझ रहा सक्ती का बाजार अब विकल्प की तलाश में जुटा हुआ है। यहां संचालित एसबीआई की शाखा में अपने चहेतों को नए नोटों के साथ भारी मात्रा में चिल्हर बांटे जाने की खबर मिली है, लेकिन आम नागरिकों को चिल्हर उपलब्ध नहीं कराए जाने और चिल्हर की समस्या के समाधान की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाने से उपभोक्ताओं एवं व्यवसायियों को लेन-देन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

दीप पर्व का आगाज हो चुका है। बाजार सजने लगे हैं। ऐसे में लगातार मांग के बाद भी एसबीआई बैंक प्रबंधन चिल्हर की उपलब्धता कराने में अब तक अक्षम दिखाई दे रहा है, जिसकी वजह से बाजार दिक्कतों से जूझ रहा है। बैंक चिल्हर देने से पीछे हट रहे हैं। बाजार में उत्पन्न चिल्हर की समस्या के चलते उपभोक्ता वर्ग को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धनतेरस और दीपावली का बाजार सजकर लगभग तैयार हो चुका है, ऐसे में नगर में खरीददारी करने जमकर भीड़ उमड़ती है, लेकिन यदि बैंकों द्वारा चिल्हर उपलब्ध नहीं कराया जाता तो उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यवसायियों को भी काफी परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।

इसके पूर्व भी चेम्बर ऑफ कॉमर्स जिला इकाई के सदस्य मनीष कथुरिया ने ज्ञापन सौंपकर एसबीआई शाखा प्रबंधक का इस समस्या के प्रति ध्यान आकृष्ट कराया था, लेकिन अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसा लगता है कि शाखा प्रबंधक को चिल्हर की समस्या जूझती जनता से कोई सरोकार नहीं रहा।

सक्ती नगर में चिल्हर समस्या को लेकर स्थिति यहां तक गंभीर हो चुकी है कि ग्राहक द्वारा एक दो या पांच रुपए का सामान मांगे जाने पर दुकानदारों की ओर से पहले यह पूछना मजबूरी हो गई है कि आपके पास चिल्हर है या नही? दुकानों में खरीदी की इच्छा न हो तो भी चॉकलेट, टॉफी साबुन आदि समान खरीदना पड़ रहा है। कुल मिलाकर चिल्हर की समस्या से पूरे नगरवासी हलाकान हैं, लेकिन दीवाली पर्व की शुभ घड़ी में भी बैंक प्रबंधन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।

विदित रहे कि बाजार में एक-दो रूपए के सिक्कों की पहले ही कमी थी, अब तो पांच रूपए के सिक्के भी गायब होने शुरू हो गए है और चिल्हर नही होने की स्थिति में दुकानदार भी सामान देने से मना कर देते हैं। अगर सामान देते हैं भी तो बचे एक, दो या पांच रूपए के चिल्हर के अभाव में दुकानदारों द्वारा जबरन ग्राहकों पर चॉकलेट, टाफी थोपे जाने ग्राहक भड़क उठते हैं। दुकानों पर सामान की खरीददारी करते समय वैसे तो ग्राहक के पास समय होता है लेकिन कई बार ग्राहक जल्दबाजी में भी होता है, उस समय चिल्हर की समस्या आने पर काफी परेशानी होती है। चिल्हर को लेकर आए दिन विवाद होता रहता है लेकिन इसके बाद भी इस समस्या के निराकरण के लिए ठोस कदम नही उठाए जा रहे हैं और नही चिल्हर संकट उत्पन्न होने के कारणों को जानने का प्रयास किया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक सक्ती की एसबीआई शाखा में शाखा प्रबंधक द्वारा अपने चेहतों को नए नोटों के साथ भारी मात्रा में चिल्हर बांटे गए हैं, लेकिन आम नागरिकों के लिए चिल्हर उपलब्ध करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। कारोबारियों की शिकायत है कि लगातार मांग के बाद भी बैंक प्रबंधन चिल्हर की उपलब्धता कराने में अक्षम है और बाजार दिक्कतों से जूझ रहा है।

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