छत्तीसगढ़क्राइम

वर्दी की आड़ में जुर्म को बढ़ावा देने और महकमे को बदनाम करने वाले गांजा तस्करों के संरक्षक और पुलिस विभाग के आरक्षक पर एसपी सुश्री अंकिता शर्मा ने गिराई निलंबन की गाज, कर दिया सेवा से पृथक

सक्ती। सक्ती जिले की एसपी सुश्री अंकिता शर्मा ने पुलिस महकमे को बदनाम करने वाले गांजा तस्करों के संरक्षक और पुलिस विभाग के आरक्षक पर निलंबन की गाज गिराकर जहां अपने अधीनस्थों को अनुशासन का पाठ पढ़ा दिया है, वहीं उनकी इस कार्रवाई से नशे के कारोबारियों के होश फाख्ता हो गए हैं।

अंकिता शर्मा…एक ऐसी आईपीएस अधिकारी जिनके नाम से नक्सली कांपने लगते थे। होमकैडर प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस अफसर सुश्री अंकिता शर्मा मई 2022 में खैरागढ़ की एसपी बनी और नक्सल प्रभावित बस्तर में उन्हें नक्सल ऑपरेशन की इंचार्ज भी बनाया गया। किरण बेदी की प्रेरणा वे आईपीएस बनी और नक्सल आपरेशन के दौरान उन्होंने नक्सलियों को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था। जुआरियों और सटोरियों पर लगाम कसने के बाद गांजा तस्करी की जड़ को नेस्तानाबूद करने का हरसंभव प्रयास कर रही जिले की एसपी सुश्री अंकिता शर्मा की इस पहल को नशा उन्मूलन की दिशा में ठोस प्रयास माना जा रहा है।

एसपी सुश्री अंकिता शर्मा ने विभाग को बदनाम कर रहे और वर्दी की आड़ में जुर्म को बढ़ावा देने वाले अधीनस्थों पर गाज गिरानी शुरू कर दी है। पुलिस आरक्षक किशोर साहू के विगत दिनों रायगढ़ जिले में गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार होने पर जिले की आईपीएस पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने बड़ा एक्शन लेते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

आरक्षक किशोर साहू

पुलिस अधीक्षक कार्यालय से 4 सितंबर 2024 को जारी आदेश में कहा गया है कि थाना प्रभारी जूटमिल जिला रायगढ़ को दिनांक 28.08.2024 को टाउन पेट्रोलिंग के दौरान मुखबीर सूचना प्राप्त हुई थी कि रायगढ़ के कोड़ातराई हवाईपट्टी के पास अल्टो कार एवं छोटा हांथी में चार पुरूष और एक महिला गांजा बिकी के लिये ग्राहक तलाश रहे है। सूचना पर विधिवत् तस्दीक कार्यवाही करने पर संतराम खूंटे निवासी सक्ती, सुमित्रा खूंटे, राजाराम सतनामी, सभी निवासी सोंठी, अंकित सिंह निवासी पामगढ़, जिला जांजगीर, महेन्द्र टण्डन निवासी लाल खदान दर्रीघाट जिला बिलासपुर के कब्जे में विधिवत् तलाशी पर इनके गाड़ी से 175 किग्रा मादक पदार्थ गांजा को विधिवत् जप्त किया जाकर उक्त व्यक्तियों का कृत्य अपराध सदर धारा का पाये जाने से मौके पर देहाती नॉलसी कायम किया गया था, पृथक से थाना जूटमिल आकर नंबरी अपराध दर्ज किया गया है,थाना जूटमिल द्वारा आरोपियो से विवेचना के दौरान यह तथ्य स्पष्ट रूप से उद्घाटित हुआ है कि अवैध पदार्थ गांजा की तस्करी में पिहरीद निवासी भागवत साहू, ओडिसा निवासी व्योमकेश, चारपारा खरसिया निवासी दीपक भारद्वाज रास्ते गांजा पार कराने तथा जिला सक्ती के पुलिसकर्मी आरक्षक किशोर साहू अपने मोबाईल नंबर से भागवत साहू के मोबाईल नंबर पर गांजा तस्करो ‘को रास्ता बताने और पुलिस से बचाव के लिये पुलिस अधिकारियो का लोकेशन आउट करने का कार्य किया जाता था।

दिनांक 30.08.2024 को आरक्षक किशोर साहू पिता ईश्वरी साहू की पतासाजी पश्चात् विवेचना मे उपरोक्त वर्णित अपराध कृत्य में शामिल होकर अपराध सबूत पाये जाने पर विवेचना के सत्यापन हेतु आरोपियों के आपसी सम्पर्क के लिये इस्तेमाली मोबाईल को पृथक-पृथक भागवत साहू का जियो कंपनी का मोबाईल जिसका IMEI No. एवं रियलमी कंपनी का मोबाईल IMEI No. व्योमकेश का सैमसंग मोबाईल IMEI No. दीपक भारद्वाज का जियो कंपनी का मोबाईल IMEI No. एवं ओप्पो कंपनी का मोबाईल IMEI No. तथा किशोर साहू का सैमसन मोबाईल IMEI No. की जप्ती की गई है।

उक्त मोबाईल उपकरणों के माध्यम से ही गांजा तस्करी के अपराध को आपस में मिलकर अंजाम देना पाया गया है, इस आधार पर धारा 29 एनडीपीएस एक्ट जोड़ी जाकर विधिवत् गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय रिमाण्ड प्रस्तुत किया गया है,प्रथम दृष्टया आरक्षक क्रमांक 128 किशोर साहू रक्षित केन्द्र सक्ती की अपराधिक गतिविधियो में संलिप्तता ज्ञात होने पर उसे दिनांक 31.08.2024 को निलंबित किया जाकर प्राथमिक जांच अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सक्ती से कराई गई, जांच मे उक्त तथ्यो की पुष्टि हुई है। जांच में आरक्षक के द्वारा पुलिस की पहचान रखकर पुलिस की नौकरी की आड़ में भारी मात्रा में गांजा तस्करी करने वाले आरोपियो के साथ संलिप्तता उजागर हुई है।आरक्षक का उक्त अपराधिक कदाचार सभी समाचार पत्रो मे प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। आरक्षक के घृणित कृत्यो के कारण पुलिस संगठन के विरूद्ध नकारात्मक टिप्पणीयां की गई है।
आरक्षक क्रमांक 128 किशोर साहू द्वारा आरक्षक के पद का दुरूपयोग करते हुए इस तरह का अपराधिक कृत्य करना किसी भी शासकीय कर्मचारी को पुलिस विभाग की सेवा पृथक किये जाने योग्य बनाता है। पुलिस बल के सदस्य के रूप मे आरक्षक का यह कृत्य विभागीय व्यवस्था एवं नियमो के विपरीत है। पुलिस विभाग का मुख्य कार्य अपराध एवं अपराधियो पर नियंत्रण रखकर आमजन को भय मुक्त वातावरण प्रदान करते हुए शांति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना है। साथ ही उच्च स्तरीय आचरण एवं असंदिग्ध निष्ठा प्रदर्शित करना भी अपरिहार्य है। अतः ऐसी प्रवृत्ति के कर्मचारियो के लिए Extra ordinary & exemplary action लेना पुलिस विभाग एवं जनहित के लिए अत्यंत आवश्यक है ताकि विभाग मे इस तरह के तत्व हतोत्साहित हो तथा समाज मे विभाग के उच्च स्तरीय मानको की छवि बराकरार रहने के साथ ही विभागीय व्यवस्था सुदृढ बनी रहे अन्यथा पुलिस बल मे कमाण्ड, कंट्रोल एवं छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
चूंकि आरक्षक का अपराधिक कृत्य सार्वजनिक तौर पर उजागर हो चुका है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2) मे यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसी शास्ति जांच के दौरान प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर अधिरोपित की जा सकेगी और ऐसे व्यक्ति को प्रस्तावित शारित के संबंध मे अभ्यावेदन करने का कोई अवसर देना आवश्यक नही होगा। इस गंभीर अवचार की पुष्टि के लिए नियमित जांच किया जाना युक्तियुक्त रूप से व्यवहार्य नही है, क्योकि आरक्षक अपने धारित पद का दुरूपयोग करते हुए पुनः ऐसी घटना की पुनरावृत्ति कर सकता है।
अतः छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1) (ख) के परिपालन मे किये गये निलंबन से बहाल कर, भारतीय संविधान की कंडिका 311 के खण्ड (2) के परंतुक के उपखण्ड “ख” के अधीन प्रदत्त शक्तियो के आधार पर आरक्षक क्रमांक 128 किशोर साहू जिला पुलिस बल, सक्ती को आदेश जारी दिनांक से सेवा से पदच्युत (Dismissed from service) किया जाता है। आरक्षक की निलंबन अवधि दिनांक 31.08.2024 से आदेश जारी दिनांक तक समस्त अवधि निलंबन में शुमार कर निराकृत की जाती है

 

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