मोदी की रूसी राष्ट्रपति को सलाह- युद्ध के मैदान से शांति का रास्ता नहीं निकलता
New Delhi. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला। राष्ट्रपति पुतिन ने खुद मोदी को ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ का अवॉर्ड दिया। सम्मान के बाद मोदी ने इसे भारतीयों को समर्पित किया।
इससे पहले रूस दौरे के दूसरे दिन मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता में हिस्सा लिया। इस दौरान पुतिन ने कहा, ‘आप यूक्रेन संकट का जो हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम उसके लिए आपके आभारी हैं।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- एक मित्र के तौर पर मैंने हमेशा कहा कि युद्ध के मैदानों से शांति का रास्ता नहीं निकलता है। बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति संभव नहीं होती है।
शिखर वार्ता में मोदी की 4 बड़ी बातें…
- पिछले 40-50 साल से भारत आतंकवाद का सामना कर रहा है। इसलिए मॉस्को में हुए आतंकी हमले का दर्द समझ सकता हूं। मैं हर तरह के आतंकवाद की कड़ी निंदा करता हूं।
- शांति की बहाली में भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है। शांति के लिए मेरे मित्र पुतिन की बातों को सुनकर मुझे बहुत खुशी है। मैं विश्व समुदाय को आश्वत करना चाहता हूं कि भारत शांति का पक्षधर है।
- चाहे युद्ध हो, संघर्ष हो, आतंकवादी हमले हों, जब जान का नुकसान होता है तो मानवता में विश्वास रखने वाले हर व्यक्ति को दुख होता है।
- जब मासूम बच्चों की हत्या होती है, जब हम मासूम बच्चों को मरते देखते हैं तो दिल दहल जाता है। वह दर्द बहुत बड़ा है। इस पर मैंने पुतिन से विस्तृत चर्चा भी की।