छग पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ ने की सोमवार से पूर्व निलंबन रद्द किए जाने की मांग, सामूहिक अवकाश पर जाने का दिया अल्टीमेटम
सक्ती। बिलासपुर संभाग के संभाग आयुक्त महादेव कावरे द्वारा सक्ती के तत्कालीन उप पंजीयक एवं वर्तमान बिलासपुर उप पंजीयक प्रतीक खेमका को कलेक्टर के आदेश का पालन करते हुए विधिवत् रजिस्ट्री करने पर निलंबित कर दिया है। छग पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ ने सोमवार से पूर्व निलंबन रद्द किए जाने की मांग की है अन्यथा सामूहिक अवकाश पर जाने का अल्टीमेटम भी दिया है, क्योंकि उप पंजीयक द्वारा इस रजिस्ट्री में किसी भी रजिस्ट्री नियम या स्टाम्प नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।
छत्तीसगढ़ पंजीयन एवं मुद्रांक संघ रायपुर के प्रांताध्यक्ष विरेन्द्र कुमार श्रीवास ने बताया कि सक्ती के तत्कालीन उप पंजीयक एवं वर्तमान बिलासपुर उप पंजीयक प्रतीक खेमका ने एक आदिवासी डायवर्टेड भूमि की रजिस्ट्री कलेक्टर के लिखित आदेश के बाद कर दी थी। कलेक्टर ने यह लिखकर दिया था कि डायवर्टेड भूमि के मामले में अनुमति की जरूरत नहीं होती है। डायवर्टेड भूमि के मामले में धारा 165 (6) लागू नहीं होता है। उप पंजीयक ने कलेक्टर के आदेश के आधार पर रजिस्ट्री तो कर दी, परंतु संभागायुक्त महादेव कावरे ने उप पंजीयक को निलंबित कर दिया। जबकि राज्य भर में डायवर्टेड जमीन का बिना कलेक्टर की अनुमति के रजिस्ट्री की जाती है और ऐसा करने के लिए स्वयं कलेक्टर ही आदेश पारित करते हैं। उक्त मामले में भी ऐसा ही हुआ। प्रतीक खेमका को निलंबित कर दिए के बाद छग पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ ने इसकी कड़ी निंदा की है।
छग पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य भर में अनेक आवेदन डायवर्टेड आदिवासी भूमि के बिक्री के अनुमति के लिए लगता है, तो कलेक्टर ही लिख कर देते हैं कि इसमें अनुमति की आवश्यकता नहीं है। क्या सरकार इन सभी कलेक्टर को भी सस्पेंड करेगी। उप पंजीयक ने अपने पदीय कर्तव्यों का विधि पूर्वक निर्वहन किया। आयुक्त बिलासपुर द्वारा उप पंजीयक को निलंबन के पूर्व कोई सुनवाई का मौका भी नहीं दिया गया। छत्तीसगढ़ पंजीयन मुद्रांक संघ ने संभागायुक्त बिलासपुर के इस कृत्य की कड़ी निंदा की है। संघ का कहना है कि आयुक्त बिलासपुर का यह निलंबन आदेश एक कर्तव्य निष्ठ शासकीय अधिकारी को हतोत्साहित, प्रताडि़त और भयभीत करने वाला है। संघ ने सोमवार से पूर्व तक प्रतीक खेमूका उप पंजीयक के निलंबन आदेश वापसी की मांग की है, वहीं समय सीमा के पूर्व निलंबन रद्द नहीं होने की स्थिति में सोमवार से विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश पर जाने और कड़े कदम उठाने का अल्टीमेटम जारी कर दिया है।