सक्ती/मालखरौदा। अंचल में 11 गुरुवार अप्रैल को अग्रवाल समाज की महिलाओं ने पति की दीर्घायु के लिए गणगौर पूजा पूरे विधि विधान किया और मंगलगीत भी गाए। विदित रहे कि गणगौर पूजा पूरे 18 दिनो तक चलती है। इस पूजा में सुहागिनें अपने पति की लंबी आयु एवं कुंवारी कन्याएं अच्छा वर पाने की मनोकामना के साथ विधि विधान से गणगौर की पूजा अर्चना करती हैं।
अग्रवाल समाज में महिलाओ के लिए गणगौर पूजा का विशिष्ट महत्व होता है। विवाह के बाद कन्या पहली गणगौर पूजा अपने मायके में ही आकर करती है। गणगौर पूजा होली के दूसरे दिन से ही पूजा आरंभ हो जाती है, जो नवरात्रि के तृतीया तिथि तक चलती है। गणगौर पूजा में होलिका की राख से 16 पिण्डियां बनायी जाती है एवं प्रत्येक दिन दूध के साथ इन पिण्डियों को विधि विधान से स्नान कराकर शिव पार्वती के रूप में इसकी पूजा की जाती है और मंगल गीत गाए जाते हैं। मूर्ति स्थापना के बाद इसकी सुबह, दोपहर और शाम पूजा की जाती है, इसदिन गणगौर पूजा के लिए घरो में हलवा पूरी आदि मिष्ठान बनाए जाते हैं।
सुहागिन महिलाएं सज-धज कर गणगौर को बिंदिया, चूड़ी अर्पित कर अपनी मनोकामना मांगती हैं। अंतिम पूजा चैत्र नवरात्रि के तृतीया तिथि तक करने के बाद शाम को जल पिलाने के बाद गणगौर का विसर्जन धूमधाम के साथ बाजे-गाजे के साथ किया जाता है।
18 दिनो तक चलने वाली पूजा में अग्रवाल महिलाएं गणगौर के मंगल गीत भी गाती है। अंचल में सक्ती, मालखरौदा, जैजैपुर , बाराद्वार, डभरा, चंद्रपुर क्षेत्र की अग्रवाल मारवाड़ी महिलाओं ने पूरे विधि विधान से हर्षोल्लास के साथ गणगौर पूजा की जिससे नगर का माहौल गणगौरमय हो गया।