सक्ती। किसानों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द से जल्द निराकरण की मांग की है। भारतीय किसान संघ ने तीन सूत्रीय मांगों में फसल की सिंचाई के लिए नहर से पानी छोड़े जाने, सहकारी बैंकों के द्वारा किसानों से लेन-देन के दौरान होने वाली परेशानियों व बार-बार बैंकों के चक्कर काटने से किसानों को होने वाली परेशानियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।
भारतीय किसान संघ ने ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में ग्रीष्मकालीन फसल की सिंचाई के लिए नहर में पानी देना, प्रत्येक वर्ष जिले को ही ग्रीष्मकालीन फसल की सिंचाई के लिये पानी देने से शासन इंकार करती है। जबकि अन्य किसी जिले में पर्याप्त मात्रा में पानी दिया जाता है। शासन के इस सौतेले रवैये से जिले के समस्त किसान एवं भारतीय किसान संघ सक्ती जिला ईकाई काफी दुखी व नाराज है। यदि पानी नही दिया जाता है तो जिले के किसान भारतीय किसान संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे।
केन्द्रीय मर्यादित सहकारी बैंकों के द्वारा राशि कम देने की समस्या को दूर करना। आये दिन जिला सहकारी बैंको में किसानों को पैसों की कमी का शिकायत सुनने में आते रहते है कि बैंक मैनेजर कर्मचारी किसानों को उनके धान के पैसों के लिये यह कहकर पैसे नहीं देते है कि बैंक में पैसा नहीं है या मात्र 5000, 10000 या 20000 रुपये ही देते हैं। और किसानों को उनके पैसे के लिये बार बार बैंक के चक्कर लगाने पड़ते हैं। समस्त किसानों को उनकी मांग के अनुसार राशि भुगतान की जाए। 60 वर्ष के बुजुर्ग किसानों (महिला एवं पुरुषों) के लिये अलग से राशि भुगतान करने के लिये काउंटर व्यवस्था किया जाए। सक्ती जिले के धान खरीदी केन्द्रों में शासन के नियमानुसार धान 40 किलो 700 ग्राम से अधिक धान नहीं लिया जाये। किसानों से तील के नाम पर किसी प्रकार का अतिरिक्त राशि नहीं लिया।