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लंबित मांगों पर सरकार की अनदेखी, पटवारियों ने ऑनलाइन कार्य का किया बहिष्कार
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राजस्व पटवारी संघ ने कहा- संसाधन नहीं तो काम नहीं
सक्ती। राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय आह्वान लंबित मांगों के साथ-साथ साधन-संसाधन के अभाव में ऑनलाइन कार्यों को लेकर जूझ रहे पटवारियों ने काम का बहिष्कार शुरू कर दिया है। भुइयां पोर्टल में काम के दौरान हो रही परेशानियों से अवगत कराने के बावजूद आश्वासन का झुनझुना देने वाली सरकार ने अब तक पटवारियों की परेशानियों की जमीनी हकीकत को समझना जरूरी नहीं समझा, जिसे लेकर पटवारियों ने काम के बहिष्कार का ऐलान किया है।
विदित रहे कि पटवारी संघ सक्ती के द्वारा ऑनलाइन कार्य के अनिश्चित कालीन बहिष्कार का ज्ञापन तहसीलदार को सौंपकर मांग पूरी होने तकऑनलाइन कार्य नहीं करने की बात कही थी, वहीं विगत दिनों पटवारियों द्वारा अपनी कई मांगों को लेकर हड़ताल शुरू कर दिया गया था। हालांकि राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के आश्वासन पर हड़ताल तो स्थगित कर दिया गया, परंतु आज पर्यन्त उनकी मांगों को केवल अनसुना ही किया गया।
सक्ती तहसील अध्यक्ष प्रमोद कुमार चंद्रा ने बताया कि पिछले एक दशक से शासन द्वारा राजस्व विभाग के कार्य हेतु भुइयां पोर्टल बनाया गया जिसमें सभी कार्य ऑनलाइन किए जा रहे हैं किंतु पटवारियों को इस कार्य के लिए आज तक कोई भी साधन संसाधन नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि आज हमें दोगुना बोझ उठाना पड़ रहा है। एक तरफ भुइयां पोर्टल में कार्य करने के लिए लैपटॉप स्कैनर प्रिंटर नेट चाहिए वहीं न्यायालयीन प्रतिवेदन हेतु विभिन्न स्टेशनरी की आवश्यकता पड़ती है। जब से भुइयां पोर्टल में कामकाज शुरू हुआ है, तब से ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्रकार के रिकॉर्ड को संरक्षित किया जा रहा है, जिससे समय के साथ साथ संसाधन हेतु हमें अपने आप से जूझना पड़ रहा है।
सक्ती तहसील के सभी पटवारियों ने काले वस्त्र पहनकर तहसील कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया, जिसमें सत्य नारायण राठौर युनुस परवेज़ अहमद हेमंत देवांगन जय कुमार देवांगन हरिशंकर सिदार महेंद्र चंद्रा नमेंद्र मैत्री राजेंद्र सिदार राम कुमार आजाद राहुल कुमार जांगड़े भूपेंद्र बरेठ श्याम सिंह मरकाम अमित त्रिपाठी मंगलू राम उरांव सुनीता राठिया स्वर्णलता जांगड़े शामिल रहे।