सक्ती भाजपा मंडल अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी अनूप अग्रवाल के लाडले पोते हैं अन्वित, स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होने पहुंचे बच्चों के चेहरे पर दिखी मुस्कान
सक्ती। प्रदेश में आज भी कुछ ऐसी पुलिस अधिकारी मौजूद हैं, जो विभागीय फर्ज तो निभाते हैं ही, साथ ही इंसानियत का रिश्ता निभाते हुए जरूरतमंदों के साथ हर पल मददगार के रूप में खड़े होते हैं। किसी एक थाना या शहर में नहीं, मदद करने का सिलसिला उनकी पोस्टिंग के साथ जारी रहता है। जहां भी जाते हैं आगे बढक़र लोगों का दुख दूर करने की हर संभव कोशिश करते हैं। ऐसे पुलिस वालों में अफसर, इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही हर रैंक और उम्र वाले हैं। आज हम रूबरू करा रहे हैं सक्ती जिले की ऐसी ही एक शख्सियत से, जिनकी आत्मीयता से पूरे कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरे पर मुस्कान झलकने लगी। जिले की एसपी श्रीमती अंकिता शर्मा ने बच्चों के प्रति जो प्रेम, स्नेह और आत्मीयता दिखाई, उसकी मुक्तकंठ से प्रशंसा की जा रही है। स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में शामिल होने पहुंचे बच्चों का जहां एसपी श्रीमती अंकिता शर्मा ने जमकर उत्साहवर्धन किया, वहीं सक्ती नगर मंडल के अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी अनूप अग्रवाल के पोते अन्वित को गोद में लेकर वे लाड़-दुलार करती नजर आईं।
पूरे जिले में स्वततंत्रता दिवस समारोह गरिमामय माहौल में जहां पूरे हर्षोल्लासपूर्वक बनाया गया, वहीं जिले की एसपी श्रीमती अंकिता शर्मा के व्यवहार में बच्चों के प्रति जो अपनापन दिखाई दिया, उसकी मुक्तकंठ से प्रशंसा हो रही है। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जिले के मुख्य समारोह के लिए बनाए गए मंच में उपस्थित जिले की आईपीएस एसपी अंकिता शर्मा ने भाजपा नगर मंडल के अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित व्यवसायी अनूप अग्रवाल के पोते अन्वित जिंदल को अपने पास बुलवाकर अपनी गोद पर बैठा लिया तथा उत्सुकता वश उनसे बातें भी की और उसे लाड- प्यार भी किया। एसपी मैडम की इस आत्मीयता को देख लाडले अन्वित जिंदल के परिवार जनों ने भी एसपपी मैडम को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
अन्वित के पिता आदेश जिंदल ने बताया कि जिले की पुलिस अधीक्षक श्रीमती अंकिता शर्मा का बच्चों के प्रति अत्यधिक स्नेह होने के साथ-साथ वे पूरे कार्यक्रम के दौरान बच्चों की प्रस्तुति एवं राष्ट्र प्रेम को लेकर उनका उत्साहवर्धन कर रही थी। एसपी मैडम से हुई मुलाकात के बाद लाडले अन्वित के चेहरे पर खुशियां झलक रही थीं।