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अन्याय के खिलाफ संघर्ष के प्रणेता थे नारायण गुरुजी… अधिवक्ता चितरंजय पटेल
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परिवारिक एकजुटता गुरुजी का दिया संस्कार, भावी पीढ़ी इसे कायम रखे : मेघाराम साहू
सक्ती। अन्याय के खिलाफ आजीवन स्वयं संघर्षशील रहकर सबको प्रेरित करने वाले हम सबके प्रणेता नारायण गुरुजी यद्यपि आज हमारे बीच नहीं है पर उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे, यह उद्गार व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय अधिवक्ता चितरंजय पटेल स्व नारायण गबेल की श्रद्धांजलि सभा में कहा कि गुरुजी केवल शिक्षक ही नहीं, वरन गांव -किसान, मजदूर व शिक्षक हर के हित के लिए लड़ने वाले जुझारु प्रवृति के समाज सेवी थे जिन्हें मानवता के प्रति अनुचित व अन्याय से पीड़ा होती थी और तत्पल उसके लिए आवाज उठाने लगते थे।
इन पलों में पूर्व मंत्री मेघाराम साहू ने कबीर के दोहों के साथ अपने अंदाज में कहा कि इस पृथ्वी में सबको नश्वर काया को त्याग परमात्म में विलिन होना है पर जो परिवार के साथ समाज को एकता के सूत्र में बांध कर चलता है उसके दुनिया से चले जाने के बाद भी सम्मान होता है और आज उनके इसी दिए हुए संस्कार का ही फल है कि पूरा परिवार इस दुख की घड़ी एकजुट नजर आ रहा है। आज वारिसानों से आग्रह के साथ मेरी शुभ कामना है कि इसी एकजुटता के साथ हर संघर्ष को पार करें। सेवानिवृत शिक्षक सम्मेलाल बरेठ ने नारायण गुरुजी को अपना साथी बताते हुए कहा कि वे कई संगठनों से जुड़े और हमेशा सबके हितों की चिंतन करते थे। इन पलों के उनके पुत्र साधेश्वर गबेल ने उपस्थित सर्वसमाज के लोगों के प्रति साधुवाद व्यक्त करते हुए आग्रह किया कि पूज्यनीय पिताजी के आप सभी शुभ चिंतकों का स्नेह- प्रेम उनके नहीं रहने के बाद भी हमारे परिवार को मिलता रहेगा।
श्रद्धांजलि सभा में उनके परिवार जनों के साथ सभी राजनीतिक दलों, संघ परिवार से जुड़े अनुसांगिक संगठनों, शिक्षा जगत के वरिष्ठ जनों व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की गरिमामय उपस्थिति रही ।