बिग ब्रेेकिंग : पर्दाफाश
ब्लैकमेलिंग और अवैध उगाही में लिप्त सक्ती का तथाकथित पत्रकार शकील अहमद हुआ गिरफ्तार,नहीं मिली बेल चला गया जेल


सक्ती:- पत्रकारिता की आड़ में शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों, पंच-सरंपचों को ब्लैकमेलिंग करके करता था अवैध उगाही
धमकी देकर लोगों से अवैध वसूली करना था पेशा, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की आड़ में कर रहा था गोरखधंधा
ठेकेदारी के नाम पर 47 लाख 50 हजार की ठगी करके हुआ था फरार, एफआईआर के बाद घरघोड़ा पुलिस ने बिलासपुर से दबोचा
सक्ती। ब्लैकमेलिंग और अवैध उगाही में लिप्त सक्ती के तथाकथित पत्रकार शकील अहमद को घरघोड़ा पुलिस ने बिलासपुर से दबोच लिया, जो काफी लंबे अरसे से पत्रकारिता की आड़ में शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों, पंच-सरंपचों को ब्लैकमेलिंग करता था। धमकी देकर लोगों से अवैध वसूली उसका पेशा बन गया था। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की आड़ में उसका यह गोरखधंधा अधिक दिनों तक चल नहीं सका और मेसर्स आर्या कंस्ट्रक्शन कंपनी में ठेकेदारी के नाम पर 47 लाख 50 हजार की ठगी करने के मामले में एफआईआर के बाद घरघोड़ा पुलिस ने उसे बिलासपुर से दबोच लिया।
बताया जाता है कि उक्त तथाकथित पत्रकार शकील अहमद अपने आपको इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया का पत्रकार बताकर लोगों को परेशान करता था। विगत कुछ वर्षों से सक्ती जिले में रहकर पूरे जिले में अवैध उगाही के गोरखधंधे से वह हर महीने नई-नई चमचमाती कार में, बुलेट में, गाडिय़ों में आईफोन जैसे महंगे फोन के साथ रौब दिखाते और धौंस जमाते देखा जाता था। सूत्रों के मुताबिक इस तथाकथित पत्रकार ने कई प्रशासनिक अधिकारियों-कर्मचारियों का जीना मुहाल कर दिया था।
बताया जाता है कि कुछ प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोगों के साथ किसी भी संस्था,धान खरीदी केंद्र या पंच-सरपंचों के पास पहुंचकर उनका फोटो वीडियो खींचकर, नकारात्मक समाचार जारी कर अवैध उगाही करना और लोगों से पैसा वसूली करना ही इसका मुख्य पेशा बन चुका था। धोखाधड़ी के मामले में घरघोड़ा पुलिस के द्वारा मेसर्स आर्या कंट्रक्शन कंपनी के एकाउंटेंट मिथलेश पटेल की रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज करते हुए धारा- 409 के तहत त्वरित कार्यवाही कर उसे बिलासपुर की एक होटल से दबोच लिया गया।
मेसर्स आर्या कंस्ट्रक्शन के एकाउंटेंट ने मिथलेश कुमार पटेल ने घरघोड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह मेसर्स आर्या कंस्ट्रक्शन कंपनी में एकाउंटेंट के पद पर कार्यरत है। मिथलेश ने बताया कि उसका विभिन्न कंस्ट्रक्शन का कार्य के अलावा जल जीवन मिशन योजनांतर्गत कार्य साईडों के अलावा घरघोडा एवं तमनार ब्लॉक में भी चल रहा है जिसका लेखा जोखा उसी के द्वारा रखा जाता है। मिथलेश कुमार पटेल ने बताया कि तमनार एवं घरघोडा ब्लॉक के कुछ कार्यों को देखरेख करने एवं पेटी कॉन्ट्रेक्शन के रूप में कार्य करने के लिए सक्ती के तथाकथित पत्रकार शकील अहमद को 01 अक्टूबर 2023 से सभी लेबर कार्य, पेमेंट व सामानों की देखरेख के लिये ठेका दिया गया था।
मिथलेश पटेल ने आगे बताया कि इस दौरान सक्ती के पत्रकार शकील अहमद ने कार्य को प्रोगेस बताकर नगदी रकम एवं चेक के माध्यम से 22 लाख 50 हजार रूपये, जिसमें चेक के माध्यम से 8 लाख, 50 हजार रूपये एवं नगद पेमेंट करने के लिये 14 लाख अलग-अलग तारीखों में मुझसे लिया। इसके अलावा कोटीमाल के स्टोर में 33 टन सीमेंट, 30.93 टन स्टील, यूपीव्हीसी पाईप 52000 मीटर, कंपोजिट पाईप 17000 मीटर, अन्य समान जीआई निप्पल, एल्बो वगैरह दिया गया था जो सक्ती के पत्रकार शकील अहमद के देखरेख में था।
मिथलेश ने बताया कि शकील अहमद जनवरी माह में काम छोडक़र भाग गया, जिसके बाद दिये गए सामानों के हिसाब एवं लेखा-जोखा उससे मांगने पर वह टाल-मटोल करने लगा। इस दौरान 11 जनवरी को सामानों का मिलान करने पर 13.50 टन सीमेंट, 13 टन स्टील, यूपीव्हीसी पाईप 3000 मीटर, कंपोजिट पाईप लगभग 4000 मीटर तथा जीआई निप्पल, एल्बो एवं अन्य सामान कीमती लगभग 25 लाख का सामान कोटीमाल स्टोर में नहीं मिला है।
मिथलेश ने बताया कि 3 लाख रूपये का भुगतान शकील अहमद ने आलोक ठाकुर को कार्य में लगाकर एवं अन्य माध्यम से पूरा कराया। सक्ती के पत्रकार शकील अहमद के मोबाईल पर उससे संपर्क कर सामानों का हिसाब देने के लिये कहने पर उसके द्वारा मारने पीटने एवं झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती है।
मिथलेश ने बताया कि सक्ती के पत्रकार शकील अहमद ने कोटरीमाल स्टोर में रखे लगभग 25 लाख का सामान तथा कार्य के लिए दिये गये नगदी रकम 22 लाख 50 हजार को हमारी बिना जानकारी के अमानत में खयानत कर दिया गया है। इस मामले में रिपोर्ट के बाद घरघोड़ा पुलिस ने सक्ती के पत्रकार शकील अहमद के खिलाफ धारा 409 आईपीसी के तहत अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है।
० गंभीरतापूर्वक होनी चाहिए मामले की जांच, खुलेंगे कई राज!
सूत्रों के मुताबिक उक्त तथाकथित पत्रकार शकील अहमद के बारे में यदि गहन जांच-पड़ताल की जाए और इसके पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाएं तो निश्चित ही इसकी कारगुजारियों के और भी राज खुल सकते हैं। संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त उक्त तथाकथित पत्रकार के बीजापुर से भागकर आने के पीछे के कई रहस्य अभी भी अनसुलझे हैं। अल्प समय में इतनी जल्द महंगी महंगी गाडिय़ों में घूमने-फिरने तथा व रईसों की तरह जीवनयापन करने वाले इस तथाकथित पत्रकार की रईसी की शिनाख्त की जाए तो इसकी संदिग्ध गतिविधियों के पुख्ता सबूत अवश्य मिलेंगे।
बताया जाता है कि शकील अहमद कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं को अपना आका बताकर और ऊंची पहुंच की धौंस दिखाकर पुलिस अधिकारियों पर भी अपना रौब जमाता था। अब यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि 50 लाख की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार उक्त तथाकथित पत्रकार हवालात की हवा खाता है या अपने आपको किसी बीमारी का बहाना बनाकर हॉस्पिटल में शिफ्ट करवा लेता है। जानकारों की मानें तो पत्रकारिता की आड़ में अपराध को जन्म देने वाले इस नकाबपोश पत्रकार की कारस्तानियों को खंगाला जाए तो कई महीनों तक जेल से इसका बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।